Bhabhi Ki Bur Chudai – गाँव में देवर साथ जिस्मानी रिश्ता बन गया 1

Bhabhi Ki Bur Chudai

कैसे हो दोस्तों? मेरा नाम रेखा है और में ३९ साल की शादीशुदा औरत हु. मेरे पति शहर मे नौकरी करते है इसी लिए में और मेरे पति हम दोनों शहर मे रहते. मेरा १५ साल का एक बेटा है जो हॉस्टल मे रहकर पढाई करता है और बाकि का परिवार मेरे सास ससुर और मेरे देवर देवरानी गांव मे रहते है. Bhabhi Ki Bur Chudai

मुझे सेक्स कहानिया पढ़ना अच्छा लगता है. दोस्तों आज में भी आपको मेरे जीवन का एक किस्सा बताने जा रही हु. ये कहानी मेरे और मेरे देवर की है. दोस्तों कहानी थोड़ी लम्बी है पर आशा करती हु की आपको पसंद आएगी. बात तब की है जब मेरी देवरानी प्रेग्नेंट हुई थी थी और वो बच्चे की डिलीवरी कराने के लिए उसके मायके जाने वाली थी.

इसीलिए गांव से मेरे सास ससुर का मेरे पति को फोन आया था की अगर हो सके तो रेखा को ३-४ महीनो के लिए यहाँ भेजो तब तक मेरी देवरानी वापस आ जाए. ऐसे में मेरा गांव आना हुआ. गांव मे हमारा बहुत बड़ा घर है. मेरे आने के बाद मेरी देवरानी अपने मायके चली गई अब घर मे में मेरे सास ससुर और मेरे देवर थे.

ऐसे समय बीतने लगा मुझे गांव आए हुए एक महीना होने आया था. एक दिन सुबह मे मेरे सास ससुर खेत का चक्कर लगाने गए थे, मेने सब काम निपटा कर बाहर वाले बाथरूम मे कपडे धोने गई कपडे धो कर मेने सोचा घर मे कोई नहीं है तो यही नहा लेती हु.

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में मेरे रूम मे गई और अलमारी से कपडे निकाले और वही बिस्तर पे रखे. मेने सोचा घर मे में अकेली ही हु तो साडी यही रूम मे आ कर पहन लुगी. में टॉवल और ब्रा-पेन्टी लेकर बहार बाथरूम मे नहाने चली गई. में नहाकर ब्रा और पेन्टी पहनी और टॉवल मे अपने बालो को लपेटकर जैसे ही बहार आई सामने टेरेस की सीडी से मेरा देवर निचे आ रहा था.

मुझे पता ही नहीं था की वो अब तक ऊपर छत पे सोया हुआ था. उसे देखते ही में दौड़कर अपने रूम मे आ गई पर तब तक उसने मुझे पूरा देख लिया था. में रूम से कपडे पहन कर बाहर आई तब तक वो नहाने जा चूका था. में दोपहर की रसोई बनाने के लिए किचन मे आ गई.

मेरा देवर थोड़ी देर बाद बाथरूम से निकला और अपने रूम मे चला गया. वो कपडे पहन कर किचन की और आने लगा. में शर्म से हैरान हो रही थी की अब क्या होगा. वो किचन मे आया और फ्रिज मे से पानी की बोतल निकाल कर पानी पिने लगा. में चुपचाप पीछे मुड़कर खड़ी खड़ी रसोई बना रही थी.

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उसने पानी की बोतल फ्रिज मे रखी और मेरे पास आने लगा. वो धीरे से मेरे पास आया और मुझे पीछे से बाहोंमे पकड़ लिया. मेने कहा राहुल ये क्या कर रहे हो छोड़ दो प्लीज़ कोई देख लेगा. वो धीरे से बोला भाभी आप बहुत सुन्दर हो सुबह जब से आप को देखा है मेरी आँखों के सामने बस आप ही हो.

मेने कहा राहुल छोड़ दो प्लीज़ माँ बाउजी आ जाएगें. वो बोला भाभी कोई नहीं देखेगा वो आएगे तो दरवाजा खटखटाएगे. वो मुझे बोलने लगा भाभी आप भी भैया के बिना अकेला महसूस कर रही होगी और में भी अकेला हु अगर आप साथ दो तो हम दोनों नया रिश्ता शुरू कर सकते है. में समझ चुकी थी वो क्या बोल रहा था.

मेने कहा ये क्या कह रहे हो तुम. वो बोला भाभी वही जो आप समझ रही हो. हमारे रिश्ते के बारे मे किसीको भी कुछ पता नहीं चलेगा ये बात सिर्फ हम दोनों मे ही रहेगी. में थोड़ी देर के लिए कुछ नहीं बोली. वो पीछे से मेरे कंधो को और गरदन को चूमने लगा. में धीरे से बोली राहुल नहीं प्लीज़. ये कहानी आप क्रेजी सेक्स स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है.

वो बोला भाभी किसीको पता नहीं चलेगा आप मेरा साथ दो. वो पीछे से मेरी गरदन को चूमता हुआ दोनों हाथो से मेरे मम्मे सहलाने लगा. मेरी आँखे बंद हो गई में कुछ नहीं बोल पाई. वो मेरी पीठ पे चूमता हुआ धीरे से निचे बैठ गया और मेरी साड़ी ऊपर उठाते हुए मेरे पैरो को चूमने लगा.

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वो मेरे पीछे साड़ी ऊपर करते हुए पैरो को चूमते हुए धीरे धीरे ऊपर आ रहा था. मेरी आँखे बंद थी में कुछ नहीं बोल पा रही थी. मेरी जांघो को चूमते हुए पीछे से मेरे कूल्हों पे चूमने लगा. थोड़ी देर बाद उसने मुझे उसकी और घुमा दिया. निचे बैठे हुए उसने फिर से मेरी साड़ी ऊपर कर दी और मेरी जांघो को चूमने लगा.

वो जांघो पे चूमते हुए धीरे से मुँह मेरे दोनों पैरो के बिच ले आया. पेन्टी की और देखते हुए बोला भाभी आप बहुत सेक्सी हो. वो पेन्टी पे कीस करने लगा और मेरी पेन्टी उतारने लगा. उसने पेन्टी उतार दी और मुँह सीधा मेरी चुत पे रख दिया जैसे ही उसका मुँह वहा लगा.

मेरी आँखे बंद हो गई मेने उसका सर पकड़ लिया, मेरे दोनों पैर अपने आप खुल गए. वो मेरी चुत को अपने होठो और जीभ से सहलाने लगा. में तड़प उठी थी क्यों की बहोत समय बाद ये सब हो रहा था और वैसे भी मेरे पति अब उतना चोदते नहीं थे. १०-१२ दिन में एक बार होता था.

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मेरी चुत पानी-पानी हो चुकी थी. फिर थोड़ी देर बाद राहुल खड़ा हुआ. उसने अपने होठ मेरे होठो पे रख दिए और मुझे चूमने लगा. वो एक हाथ से अपने पेन्ट की झिप खोलने लगा और अपना लंड बाहर निकाला और मेरा हाथ पकड़ कर अपने लंड पे रख दिया और बोला भाभी सेहलाओ इसे.

उसका लंड पूरा खड़ा हो चूका था. उसका लंड बहुत बड़ा और मोटा था. में उसके लंड को धीरे धीरे सहलाने लगी. उतने मे माँ बाउजी ने दरवाजा खटखटाया. मेने कहा जाओ जल्दी वो बोला भाभी एक बार अंदर डालने दो प्लीज़. मेने कहा अभी नहीं बाद मे. वो फिर भी नहीं माना. “Bhabhi Ki Bur Chudai”

उसने वही खड़े खड़े लंड आगे मेरी चुत पे रख दिया और दोनों हाथो से मेरी कमर को पकड़ के ऊपर की और जोर से धक्का दिया. उसका मोटा लंड मेरी चुत को खोलता हुआ पूरा अंदर चला गया. मेरे मुँह से आहह की आवाज़ निकल गई. उसने जल्दी जल्दी मे खड़े खड़े दो तीन धक्के दे दिए मेने उसे अलग किया और अपनी पेन्टी पहन कर दरवाजा खोलने चली गई वो भी टीवी वाले रूम मे चला गया.

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में वापस किचन मे आखर खाना बनाने लगी. राहुल के लंड ने मेरी चुत मे तूफान मचा दिया था. थोड़ी देर बाद वो फिर से किचन मे आया और धीरे से बोला माँ बाउजी आ गए नहीं तो आज आपकी खैर नहीं थी. मेने हस्ते हुए बोला अच्छा ? वो बोला भाभी रात मे में आउगा आपके रूम मे.

में बोली माँ बाउजी को पता चल गया तो ? वो बोला वो सो जाने के बाद उठते नहीं है, में देर रात मे आउगा. ऐसा बोल कर वो चला गया. फिर हम सब ने दोपहर का खाना खाया और मेने सब काम निपटाया ऐसे मे शाम हो गई. दोस्तों आगे की कहानी पार्ट – २ मे बताऊगी.

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